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किसान न्यूज

कम जोत वाले किसानों के लिए कम दाम और अधिक शक्ति में आने वाले ट्रैक्टर

कम जोत वाले किसानों के लिए कम दाम और अधिक शक्ति में आने वाले ट्रैक्टर

सोनालिका GT20 ट्रैक्टर तीन सिलेंडर के साथ आता है और इसके अंदर 20 हॉर्स पॉवर की शक्ति मौजूद रहती है। इस ट्रैक्टर में समकुल 8 गियर रहते हैं और यह खेती-किसानी से जुड़े लगभग समस्त कार्य कर लेता है। 

एक समय था, जब किसान खेती करने के लिए बैल और हल का उपयोग किया करते थे। लेकिन, आज के समय के किसान ट्रैक्टर जैसे अत्याधुनिक कृषि यंत्रों से कृषि कार्य करते हैं। 

दरअसल, ट्रैक्टर की कीमत अधिक होने की वजह से छोटी जोत करने वाले कृषकों को ट्रैक्टर खरीदने से पहले कई बार विचार करना पड़ता है। ट्रैक्टर आज के समय में कृषि क्षेत्र का सबसे अहम हिस्सा बन चुका है। 

आधुनिकता और कृषि से जुड़े नवीन अविष्कारों के चलते किसान काफी अच्छा उत्पादन कम समय और श्रम खर्च किए बिना उठा रहे हैं। अगर हम बात करें कि छोटी जोत के किसानों को अधिक महंगा ट्रैक्टर खरीदने की आवश्यकता ही नहीं है, तो इस पर आप क्या कहेंगे। 

आज हम आपको कुछ ऐसे ट्रैक्टरों के विषय में बताएंगे जो काफी छोटे हैं और इनकी कीमत भी काफी कम है। छोटे किसान इनको बड़ी आसानी से खरीदकर अपना कृषि कार्य सुगमता से कर सकते हैं।

कैप्टन 283 4WD 8G ट्रैक्टर

बतादें कि इसको मिनी ट्रैक्टर कहा जाता है। यह विशेष रूप से छोटी जोत के किसानों के लिए ही निर्मित किया गया है। 3 सिलेंडर वाला यह ट्रैक्टर दिखने में बेसक छोटा है, परंतु शक्तिशाली है। 

इसमें 27 हॉर्स पॉवर की शक्ति उपस्थित है। यह मिनी ट्रैक्टर हर वह कार्य कर सकता है, जिस कार्य को एक बड़ा ट्रैक्टर कर सकता है। इसमें समकुल 12 गियर होते हैं, जिसमें से 9 आगे की तरफ लगते हैं और 3 पीछे की तरफ लगाए जाते हैं।

750 किलो के इस ट्रैक्टर का बाजार में भाव तकरीबन 4.25 से 4.50 लाख रुपये है। इसे आप कर्ज पर भी खरीद सकते हैं।

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सोनालिका GT20 ट्रैक्टर

सोनालिका GT20 ट्रैक्टर भी तीन सिलेंडर के साथ आता है और इसमें 20 हॉर्स पॉवर की ताकत होती है। इस ट्रैक्टर में कुल 8 गियर होते हैं और यह खेती से जुड़े लगभग वो समस्त कार्य कर लेता है, जो कि एक बड़ा ट्रैक्टर कर सकता है। 

इस ट्रैक्टर में सिंगल क्लिच के साथ ही मैकेनिकल ब्रेक भी दिए गए हैं। इसका वजन 650 किलोग्राम है और यह बाजार में 3 से 3.5 लाख रुपये के मध्य आपको सुगमता से प्राप्त हो जाएगा।

जॉन डियर 3028 EN ट्रैक्टर

जॉन डियर 3028 EN एक मिनी ट्रैक्टर है। लेकिन इसकी डिजाइन इतनी बेहतरीन ढंग से की गई है, कि बड़े-बड़े ट्रैक्टर भी इसके आगे फेल हो जाएं। इस ट्रैक्टर में तीन सिलेंडर होते हैं और इसमें 28 हॉर्स पॉवर की शक्ति उपस्थित होती है।

सबसे विशेष बात यह है, कि इसमें सिंगल क्लिच के साथ डिस्क ब्रेक भी हैं। इतना ही नहीं इसमें कॉलर रिवर्स ट्रांसमिशन भी उपलब्ध है। इस ट्रैक्टर में 8 गियर आगे और 8 गियर पीछे के लिए होते हैं। 

बाजार में यह ट्रैक्टर आपको 5.65 से 6.11 लाख के मध्य आसानी से मिल जाऐंगे। यही वजह है, कि यदि आप छोटी जोत के किसान हैं, तो आपको इन ट्रैक्टरों में से किसी एक का चयन करना चाहिए।

भारत में लाल टमाटर के साथ-साथ काले टमाटर की भी खेती शुरू हो चुकी है

भारत में लाल टमाटर के साथ-साथ काले टमाटर की भी खेती शुरू हो चुकी है

काले टमाटर की खेती सर्वप्रथम इंग्लैंड देश में चालू की गई थी। इंग्लैंड में इसको इंडिगो रोज टमाटर के नाम से जाना जाता है। दरअसल, यूरोप की मंडियों में लोग इसे सुपरफूड के नाम से भी जानते हैं। आमतौर पर टमाटर खाना प्रत्येक किसान को पसंद आता है। इसके अंतर्गत विटामिन के, विटामिन- सी एवं विटामिन-ए भरपूर मात्रा में पाई जाती है। इसका सेवन करने से विभिन्न प्रकार की बीमारियां दूर हो जाती हैं। ऐसे तो टमाटर का उपयोग सौंदर्य उत्पाद निर्मित करने के लिए भी किया जाता है। परंतु, टमाटर का सर्वाधिक उपयोग लोग सलाद के रूप में करते हैं। अधिकांश लोगों को यह लगता है, कि टमाटर केवल लाल रंग के ही होते हैं। परंतु, इस प्रकार की कोई बात नहीं है। टमाटर काले रंग में भी उपलब्ध होते हैं। उसकी खेती भारत के विभिन्न राज्यों में की जा रही है। विशेष बात यह है, कि लाल टमाटर की भांति ही काले टमाटर का भी उत्पादन किया जाता है।

काले टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, काले
टमाटर की खेती करने के लिए गर्म जलवायु ज्यादा उपयुक्त मानी गई है। इसके लिए मृदा का पीएच मान 6 से 7 के मध्य होना बेहद आवश्यक है। ऐसी स्थिति में भारत के किसानों के लिए काले टमाटर की खेती करना अत्यधिक लाभकारी रहेगा। क्योंकि, भारत की जलवायु गर्म है। काले टमाटर की कीमत लाल टमाटर के तुलनात्मक काफी ज्यादा होती है। अब ऐसी स्थिति में किसान भाई इसका उत्पादन कर अच्छी-खासी आमदनी कर सकते हैं। परंतु, काले टमाटर के पौधों पर फल आने में थोड़ा विलंभ होता है। इस वजह से किसान भाइयों को इसकी खेती में थोड़े धीरज से कार्य लेने की जरूरत है।

हिमाचल प्रदेश में सर्वप्रथम काले टमाटर का उत्पादन शुरू हुआ है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि काले टमाटर की खेती सर्वप्रथम इंग्लैंड में शुरू की गई थी। यहां पर इस टमाटर का नाम इंडिगो रोज टोमेटो से प्रसिद्ध है। हालाँकि, यूरोप की मंडियों में लोग इसको सुपरफूड भी कहते हैं। फिलहाल, भारत के अंदर भी आजकल काले टमाटक की खेती शुरू हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश में किसान काले टमाटर का उत्पादन कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में विदेशों से इसके बीज मंगवाए गए थे। इसके उपरांत आहिस्ते-आहिस्ते अन्य राज्यों में भी काले टमाटर का उत्पादन शुरू हो गया। ये भी पढ़े: देसी और हाइब्रिड टमाटर में क्या हैं अंतर, जाने क्यों बढ़ रही है देसी टमाटर की मांग

किसान इसकी खेती से 4 लाख रुपये तक का मुनाफा अर्जित कर सकते हैं

काले टमाटर की रोपाई सर्दी के मौसम में की जाती है। जनवरी का माह इसकी खेती के लिए सबसे अच्छा होता है। बुवाई करने के तीन माह के उपरांत फल आने चालू हो जाते हैं। मतलब कि आप अप्रैल माह से काले टमाटर की तोड़ाई शुरू कर सकते हैं। यदि किसान भाई एक हेक्टेयर में काले टमाटर की खेती करते हैं, तो वह 4 लाख रुपये तक की आमदनी आसानी से कर सकते हैं। क्योंकि, इसका भाव लाल टमाटर की तुलना में ज्यादा होता है। भारत के अंदर फिलहाल काले टमाटर की कीमत 100 से 150 रुपये प्रतिकिलो है।
गोमूत्र की गंध और स्वाद आपकी पसंद का होगा, क्योंकि अब मनचाहे फ्लेवर में गोमूत्र उपलब्ध

गोमूत्र की गंध और स्वाद आपकी पसंद का होगा, क्योंकि अब मनचाहे फ्लेवर में गोमूत्र उपलब्ध

यह फ्लेवर्ड गोमूत्र वर्तमान में 6 प्रकार के भिन्न भिन्न स्वाद में मौजूद है। इन फ्लेवर्स में स्ट्रॉबेरी, पान, मैंगो, ऑरेंज, पाइनएप्पल और मिक्स फ्लेवर है। इसके एक लीटर की कीमत 200 रुपये के लगभग है। गोमूत्र विगत कुछ सालों से ज्यादा चर्चा में है। दरअसल, इसका उपयोग औषधीय के तौर पर आयुर्वेद में सदियों से किया जाता रहा है। आयुर्वेद की द्रष्टि से देखें तो बहुत सारी गंभीर बीमारियों में भी इसके सेवन से फायदा होता है। भारत सहित संपूर्ण विश्व में ऐसे लाखों लोग हैं, जो इसका उपभोग करते हैं। परंतु, कुछ लोग इसके स्वाद और इसकी बदबू के कारण चाह कर भी इसका सेवन नहीं कर पाते हैं।

गोमूत्र ऑरेंज, आम और पाइनएप्पल फ्लेवर्स में उपलब्ध है

फिलहाल, ऐसे ही लोगों की सुविधा के लिए वैज्ञानिकों द्वारा फ्लेवर्ड
गोमूत्र तैयार किया गया है। इसका अर्थ यह है, कि फिलहाल गोमूत्र आपको अलग-अलग प्रकार के स्वाद में मिल पाऐगा। यदि आपको आम पसंद है तो गोमूत्र आम फ्लेवर में मिल जाएगा। यदि आपको संतरा पसंद है तो गोमूत्र ऑरेंज फ्लेवर में मिल पाऐगा। वहीं, यदि आप पाइनएप्पल के शौकीन हैं, तो आपको गोमूत्र इस स्वाद में भी मिल जाएगा। मतलब कि फिलहाल आप खट्टा, मीठा व नमकीन जैसा स्वाद और सुगंध में चाहेंगे गोमूत्र आपको उसी तरह का मिल जाएगा।

फ्लेवर्ड गोमूत्र को किसने तैयार किया है

गोमूत्र के विभिन्न फ्लेवर्स की यह बड़ी खोज आईआईटी मुंबई से पीएचडी कर चुके डॉक्टर राकेश चंद्र अग्रवाल ने की है। उन्होंने इस फ्लेवर्ड गोमूत्र को नाम संजीवनी रस रखा है। इस खोज के उपरांत गोमूत्र विभिन्न फ्लेवर्स में पूरे भारत में उपलब्ध है। भिन्न-भिन्न प्रयोग शालाओं में इसको तैयार करने के लिए लोगों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। डॉ. राकेश इसको लेकर दीर्घ काल से शोध कर रहे थे और अंततः उन्हें सफलता मिल ही गई। डॉ. राकेश का कहना है, कि गोमूत्र में विभिन्न प्रकार के एंजाइम्स और न्यूट्रिएंट्स होते हैं। जो हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के गंभीर रोगों से ग्रसित होने से बचाते हैं। इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया है, कि फिलहाल वह फ्लेवर्ड गोमूत्र तैयार कर इसको घर-घर तक उपलब्ध करा देंगे।

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फ्लेवर्ड गोमूत्र का नाम संजीवनी रस रखा है

मीडिया की खबरों के अनुसार, आपको बतादें कि यह फ्लेवर्ड गोमूत्र वर्तमान में 6 प्रकार के अलग-अलग स्वाद में मौजूद है। इन फ्लेवर्स में पाइनएप्पल, स्ट्रॉबेरी, पान, मैंगो, ऑरेंज और मिक्स फ्लेवर है। इसको तैयार करने के लिए फूड ग्रेड कलर एवं एसेंस का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में यह कोटा की 6 गोशालाओं में बनाया जा रहा है। लेकिन, आहिस्ते आहिस्ते इसको बड़े पैमाने पर तैयार करने की भी योजना है। यदि आप भी इस प्रकार का फ्लेवर्ड गोमूत्र चाहते हैं, तो आपको एक लीटर के लिए न्यूनतम 200 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
इस राज्य में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 नहीं 10 हजार की धनराशि मिलेगी

इस राज्य में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 नहीं 10 हजार की धनराशि मिलेगी

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई गई है। इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिल पाएगा, जिन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत खुद को पंजीकृत कराया है। 

भारत में किसानों की हालत उतनी अच्छी नहीं है, जितनी की होनी चाहिए। यही कारण है, कि यहां राज्य एवं केंद्र सरकारें किसानों के लिए आए दिन नई नई योजनाएं जारी करती रहती हैं, जिससे उन्हें सहायता की जा सके। 

ऐसी ही एक योजना प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये सरकार की तरफ से दिए जाते हैं। यह योजना संपूर्ण भारत में लागू है। 

परंतु, फिलहाल इसी तर्ज पर एक और योजना एक राज्य सरकार ने जारी की है जिसके मुताबिक, अब किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार की जगह 10 हजार रुपये दिए जाएंगे।

किसान कल्याण योजना

बतादें कि यह नई योजना मध्य प्रदेश सरकार ने लागू की है। इस योजना का नाम किसान कल्याण योजना रखा है। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार प्रतिवर्ष किसानों को उनके कल्याण हेतु 10 हजार रुपये प्रदान करेगी। 

मतलब कि 6 हजार रुपये जो कि प्रतिवर्ष पीएम किसान सम्मान निधि के तहत मिलते थे, वो तो मिलेंगे ही उनके साथ साथ 4 हजार रुपये और किसानों को मिलेंगे। एमपी गवर्नमेंट ने इस योजना की शुरूआत 2020 में ही कर दी थी। उस समय यह धनराशि दो किस्तों में दो दो हजार के रूप में जाता था।

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इस योजना का फायदा कौन से किसानों को मिल पाएगा

इस योजना के अंतर्गत केवल मध्य प्रदेश के किसानों को ही फायदा मिलेगा। सबसे बड़ी बात यह है, कि एमपी के सभी किसानों को इस योजना के तहत लाभ नहीं मिल पाएगा। 

केवल उन्हीं किसानों को लाभ मिलेगा जिन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत खुद को पंजीकृत कराया है। साथ ही, जानकारी वाली बात यह है, कि जिन किसानों के खातों में किसी टेक्निकल परेशानी की वजह से पीएम किसान योजना वाली धनराशि नहीं आई है, उनके खाते में यह पैसा भी नहीं आएगा।